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'ऑपरेशन सिंदूर से...2047 तक भारत बनेगा विश्वगुरु,' राष्ट्रपति मुर्मू के स्वतंत्रता दिवस पर क्या कहा?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

President Draupadi Murmu on Independence Speech: 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में एक दृढ़ और गर्व से भरा संबोधन दिया. 22 मिनट लंबे इस संबोधन में उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को भारत के अडिग संकल्प और अद्वितीय साहस का प्रतीक बताया. राष्ट्रपति ने न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के जरिये स्वीकार किए जाने की बात कही, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और डिजिटल क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों पर भी विस्तार से चर्चा की.

'आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा संदेश'
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' मानवता के पक्ष में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का एक ऐतिहासिक उदाहरण बनकर रहेगा. उन्होंने याद दिलाया कि कश्मीर के पहलगाम में छुट्टी मनाने आए निर्दोष नागरिकों की हत्या बेहद कायरतापूर्ण और अमानवीय थी. भारत ने इस हमले का निर्णायक और ठोस जवाब दिया.

अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा, "हमारे सशस्त्र बल किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार हैं. रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी क्षमता के साथ, उन्होंने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया." राष्ट्रपति ने इस घटना के बाद दिखाई गई राष्ट्रीय एकता को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "हमारे जवाब में सबसे उल्लेखनीय था हमारी एकता. यही उन लोगों के लिए सबसे बड़ा जवाब है जो हमें बांटना चाहते थे."

दुनिया ने भारत के रुख को स्वीकार किया
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि भारत हमलावर नहीं है, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने से पीछे नहीं हटेगा. बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने दुनिया के विभिन्न देशों तक जाकर भारत की स्थिति स्पष्ट की और वैश्विक समर्थन हासिल किया.

मुर्मू ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के लिए एक टेस्ट केस बताया. उन्होंने कहा कि इस अभियान ने साबित कर दिया है कि भारत अपनी रक्षा जरुरतो को स्वदेशी तकनीक और निर्माण के दम पर पूरा करने में सक्षम है. यह स्वतंत्रता के बाद भारत के रक्षा इतिहास में एक मील का पत्थर है.

वैश्विक आर्थिक तनाव के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है. राष्ट्रपति ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रही, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है. उन्होंने कहा, "घरेलू मांग बढ़ रही है, महंगाई नियंत्रण में है, निर्यात में वृद्धि हो रही है और सभी प्रमुख संकेतक हमारी अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति का संकेत दे रहे हैं. यह उपलब्धि किसानों और श्रमिकों की मेहनत और सरकार के सावधानीपूर्वक आर्थिक प्रबंधन का परिणाम है."

'लोकतंत्र और संविधान पर अटूट विश्वास'
यह संबोधन ऐसे समय आया जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाया है, जबकि द्विपक्षीय बातचीत चल रही है. इस मुद्दे को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने भारत को 'सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार वाला लोकतंत्र' बताते हुए कहा कि यहां हर नागरिक चाहे उसका लिंग, धर्म या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, अपनी नियति तय करने में समान भागीदारी रखता है.

राष्ट्रपति ने कहा, "संविधान ने हमें लोकतंत्र की मजबूत नींव दी है. हमने ऐसे संस्थान बनाए हैं जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करते हैं. हम अपने संविधान और लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते हैं." मुर्मू ने कहा कि हमारे लोकतंत्र के चार स्तंभ न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व. सभी को स्वास्थ्य, शिक्षा और समान अवसर उपलब्ध कराने की गारंटी देते हैं.

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने बताया कि सुशासन के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. सरकार गरीबों और कमजोर तबकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है ताकि वे दोबारा गरीबी में न गिरें. आय और क्षेत्रीय असमानताओं में कमी आ रही है.

'भारत ने स्थापित किए विकास के आयाम' 
पिछले एक दशक में बुनियादी ढांचे के विकास की गति तेज हुई है. राष्ट्रपति ने भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार, कश्मीर घाटी में रेल लिंक की शुरुआत, मेट्रो सुविधाओं में वृद्धि और पानी-सीवरेज कनेक्शन के विस्तार जैसी उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'जल जीवन मिशन' के तहत ग्रामीण घरों में नल से पानी की आपूर्ति तेजी से हो रही है.

मुर्मू ने कहा कि भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेमिसाल तरक्की की है. लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी है और शेष कुछ हजार गांव भी जल्द कवर हो जाएंगे. उन्होंने बताया, "दुनिया में जितने डिजिटल लेनदेन होते हैं, उनमें से आधे से ज्यादा भारत में होते हैं. इससे देश में एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था बनी है, जो हर साल जीडीपी में अधिक योगदान दे रही है."

'2047 तक विकसित भारत का सपना'
राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की पहल और चौतरफा आर्थिक विकास के चलते भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह संबोधन न सिर्फ भारत की ताकत और संकल्प का संदेश था, बल्कि यह भी दिखाता है कि देश कैसे हर मोर्चे पर, चाहे वह सुरक्षा हो, अर्थव्यवस्था, सामाजिक कल्याण या डिजिटल विकास, आत्मनिर्भरता और प्रगति की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

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Bindass Bol Dil Se

Written by: Raihan

14 Aug 2025 (Published: 16:48 IST)