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धराली के बाद किश्तवाड़ में कुदरत का तांडव, तिनके की तरह बह गए घर; कई लोगों की मौत

किश्तवाड़ में आसमान से बरसी आफत

किश्तवाड़ में आसमान से बरसी आफत

Kishtwar Cloud Burst News Today: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार (14 अगस्त) को बादल फटने से भारी तबाही मच गई. चशोती गांव में हुई इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 37 से 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. कई लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.

चशोती गांव पाडर इलाके में मचैल माता मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों का एक अहम पड़ाव है. 25 जुलाई से शुरू हुई वार्षिक यात्रा में अब तक 1.3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे चशोती नाले में अचानक बादल फटने से पानी और मलबे का सैलाब आ गया. यह लहर सबसे पहले यात्रियों के लिए लगाए गए लंगर (सामुदायिक रसोई) से टकराई, जहां 100-150 लोग भोजन कर रहे थे. देखते ही देखते तंबू, लंगर, आसपास के 3-4 मकान और कई गाड़ियां बह गईं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, घटना के समय करीब 150 यात्री लंगर में मौजूद थे. CISF का एक पिकेट भी वहीं था, जो पानी और मलबे में बह गया. चशोती इस मार्ग का आखिरी मोटरेबल गांव है. बादल फटने के बाद इलाके में मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया, जिससे राहत कार्य में दिक्कत आ रही है. जिला उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि सेना, BSF, NDRF, SDRF और पुलिस की टीमें मौके पर तैनात हैं. घायलों को अठोली के उप-जिला अस्पताल और किश्तवाड़ जिला अस्पताल भेजा गया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहत-बचाव तेज करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अमित शाह से बात कर हालात की जानकारी दी और कहा कि सरकार की ओर से समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा.

बता दें, हाल ही में उत्तराखंड के धराली गांव में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें पहाड़ों से आए मलबे ने इमारतों और सेना के हेलीपैड को तबाह कर दिया था. धराली में भी कई लोगों की मौत हो गई और अभी कई लोगों लापता हैं.

किश्तवाड़ की यह त्रासदी भी उतनी ही भयावह बताई जा रही है. यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में मानसून के समय बादल फटने की गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है, जहां पलभर में पूरा इलाका मलबे और पानी में डूब सकता है.

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Bindass Bol Dil Se

Written by: Raihan

14 Aug 2025 (Published: 15:04 IST)