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Mental Fatigue Causes: अक्सर हम सोचते हैं कि अगर शरीर थका हुआ नहीं है तो हमें थकान क्यों महसूस होती है लेकिन सच यह है कि मानसिक थकान भी उतनी ही गहरी हो सकती है जितनी शारीरिक थकान. दिनभर का बोझ, छोटी-छोटी आदतें और लगातार चलने वाला मानसिक दबाव हमारी ऊर्जा को धीरे-धीरे खत्म करता है. आइए जानते हैं सात ऐसी आदतों के बारे में, जो हमारी मेंटल एनर्जी को चुपचाप खा जाती हैं.
1. बार-बार अपनी बात समझाना
हम अक्सर सोचते हैं कि हमारी भावनाएं, फैसले या पसंद दूसरों को पूरी तरह समझ आनी चाहिए. इसी वजह से हम बार-बार सफाई देने लगते हैं लेकिन यह आदत थकान का कारण बनती है, क्योंकि हर किसी को मनाना या संतुष्ट करना जरूरी नहीं होता. याद रखें, आपके फैसले आपकी सहजता पर आधारित होने चाहिए, न कि सबको खुश करने पर.
2. हर किसी की समस्या हल करने की कोशिश
कभी कोई दोस्त दुखी हो या सहकर्मी तनाव में हो, तो तुरंत सलाह देने या उनकी समस्या सुलझाने की कोशिश करते हैं. ऐसा करने से हम अनजाने में दूसरों का बोझ भी अपने सिर ले लेते हैं. ज़रूरी नहीं कि हर बार समाधान दें, कई बार सिर्फ ध्यान से सुन लेना भी मददगार होता है.
3. मल्टीटास्किंग
आजकल लोग मल्टीटास्किंग को एक बड़ी कला मानते हैं, लेकिन हमारा दिमाग इसके लिए बना ही नहीं है. जब हम एक साथ कई काम करते हैं, तो दिमाग बार-बार ध्यान बदलता है. इससे न तो काम ठीक से हो पाता है और न ही दिमाग को आराम मिलता है. बेहतर है कि एक समय पर सिर्फ एक काम पर ध्यान दें.
4. पुराने विवादों को याद करना
बीती बातें बार-बार दिमाग में घूमती रहती हैं और हमें भीतर से थका देती हैं. पुरानी लड़ाइयां या विवाद सिर्फ तनाव बढ़ाते हैं. जब भी ऐसा हो, खुद को याद दिलाएं कि वो समय खत्म हो चुका है. इससे आपका मन धीरे-धीरे वर्तमान पर केंद्रित होगा.
5. बिना मन से हां कहना
कभी-कभी हम सिर्फ सामने वाले को नाराज़ न करने के लिए हां कह देते हैं लेकिन अंदर ही अंदर यह हमें परेशान करता है. अपनी क्षमता और भावनाओं को समझकर ही कोई निर्णय लें. याद रखें, मना करना भी उतना ही जरूरी है जितना हां कहना.
6. बहुत ज्यादा शोर और स्क्रीन टाइम
लगातार सोशल मीडिया, वीडियो, खबरें और नोटिफिकेशन हमारे नर्वस सिस्टम को थका देते हैं. यह मानसिक शांति को खत्म करता है. कोशिश करें कि दिन में कुछ समय के लिए फोन से दूर रहें, चाय पिएं या खुली हवा में टहलें. यह छोटा-सा ब्रेक दिमाग को तरोताज़ा कर देता है.
7. अपनी भावनाओं को अनदेखा करना
जब आप उदास, चिड़चिड़े या तनावग्रस्त हों और इसे नज़रअंदाज़ कर दें, तो यह मन पर दबाव बनाता है. बेहतर होगा कि अपनी भावनाओं को पहचानें, उन्हें लिखें या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करें. इससे मन हल्का होता है और ऊर्जा वापस आती है.
क्या करें मानसिक शांति के लिए?
इन आदतों को बदलने के साथ एक आसान-सा अभ्यास आपकी मदद कर सकता है. सांसों पर ध्यान देना.
रोज़ाना सिर्फ 2 मिनट शांति से बैठकर अपनी सांसों को आते-जाते देखें. इसे बदलने की कोशिश न करें, बस महसूस करें. यह अभ्यास दिमाग और शरीर दोनों को आराम देता है और आपकी मानसिक ऊर्जा को फिर से ताजा कर देता है.