फाइल फोटो
Sushmita Sen: पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन हमेशा अपने फैसलों और बेबाक अंदाज़ के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए 21 साल की उम्र में अपनी बड़ी बेटी रेनी को गोद लेने का फैसला किया जब वो खुद अपने करियर के शुरुआती दौर में थीं.
सुष्मिता ने बताया कि रेनी को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया तीन साल तक चली. उस दौरान रेनी उनके पास फोस्टर केयर में थी, लेकिन हमेशा डर बना रहता था कि अगर कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला दिया, तो बेटी उनसे छिन जाएगी. उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्होंने अपने पिता से कहा था, “अगर कोर्ट ने इंकार किया, तो आप कार लेकर रेनी को लेकर निकल जाना.”
सुष्मिता के पिता ने उन्हें हर कदम पर साथ दिया. कोर्ट ने उनसे आर्थिक स्थिति और संपत्ति के कागज़ मांगे. इस पर उन्होंने कहा, “मैं बहुत अमीर नहीं हूं, पर जो भी है, सब अपनी बेटी के नाम कर दूंगा.” अदालत ने चेताया कि सुष्मिता को “पति नहीं मिलेगा” अगर वो सिंगल मदर बनीं, तो उनके पिता ने जवाब दिया, “मैंने अपनी बेटी को किसी की पत्नी बनने के लिए नहीं पाला.”
सुष्मिता कहती हैं कि रेनी को गोद लेने का सफर कठिन था, मगर उसी अनुभव ने रास्ता आसान किया जब उन्होंने दूसरी बेटी अलीशा को गोद लिया. आज सुष्मिता न सिर्फ दो बेटियों की मजबूत मां हैं, बल्कि उन महिलाओं के लिए प्रेरणा भी, जो अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना चाहती हैं.