फाइल फोटो
France Palestine Recognition: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि उनका देश सितंबर 2025 में फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगा। उन्होंने यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर की। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि इसकी औपचारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के न्यूयॉर्क सत्र में की जाएगी।
उन्होंने लिखा, "मध्य पूर्व में शांति की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। हमें गाज़ा में युद्ध रोकना होगा, नागरिकों की जान बचानी होगी, बंधकों को रिहा करना होगा और गाज़ा के लोगों को ज़रूरी मानवीय सहायता प्रदान करनी होगी।" मैक्रों ने यह भी कहा कि गाज़ा में शांति तभी संभव है जब वहां स्थिति स्थिर और सुरक्षित हो।
फ्रांस के फैसले से फिलिस्तीनी नेता हैं गदगद
फ़िलिस्तीनी नेताओं ने फ़्रांस की इस घोषणा का तहे दिल से स्वागत किया है। फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने इसे "एक ऐतिहासिक कदम" बताया और कहा कि इससे फ़िलिस्तीन की आज़ादी की मांग को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिलेगा। दूसरी ओर, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह "आतंकवाद को पुरस्कृत करने जैसा है।"
फ्रांस ने क्यों लिया ये फैसला
फ़्रांस का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब गाज़ा में महीनों से युद्ध चल रहा है और आम लोग एक भयानक मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि गाज़ा को हथियारों से मुक्त कराना और वहां पुनर्निर्माण कार्य शुरू करना ज़रूरी है।
140 देश दे चुके हैं फिलिस्तीन को मान्यता
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 140 से ज़्यादा देश पहले ही फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे चुके हैं। हाल ही में स्पेन और आयरलैंड जैसे यूरोपीय देशों ने भी ऐसा किया है। हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे इज़राइल के मज़बूत सहयोगियों ने अभी तक फ़िलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में फ़्रांस जैसे शक्तिशाली देश का यह फ़ैसला इस मुद्दे को एक नई दिशा दे सकता है।